अस्तित्व मूलक मानव केन्द्रित चिंतन
सहज
मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद
मानव कर्म दर्शन
मध्यस्थ दर्शन भाग – 2
मान्यता : ज्ञान की व्यापकता एवं प्रकृति का अनादित्व
सिद्धांत : श्रम - गति - परिणाम
प्रणेता एवं लेखक :
ए. नागराज
श्री भजनाश्रम, अमरकंटक
जिला – अनूपपुर, म. प्र. (भारत) – 484886