मानव के चारों आयाम (कार्य, व्यवहार, विचार व अनुभूति), पाँचों स्थिति (व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र व अन्तर्राष्ट्र) तथा दश सोपानीय परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था में निर्विषमता (सामरस्यता) एवं एकसूत्रता।
महा मांगल्य
सत्यानुभूति जागृति (भ्रम मुक्ति)।
उपलब्धि
सहअस्तित्व में स्थापित मूल्यों में अनुभूति।
समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व सहज प्रमाण - यही सर्वशुभ।