अध्याय - 7
जागृति कैवल्य
मानव परंपरा में जागृति कैवल्य शब्द परिचित सा है। सम्मानजनक अभिप्राय में ही इन शब्दों का प्रयोग किया गया है। इतना होते हुए इन दोनों शब्दों का अभिप्राय रहस्यमयता के चुंगल में फँसा होने के कारण, मानव परंपरा में प्रमाणित होने का संयोग ही नहीं हो पाया। प्रमाणित होने का तात्पर्य परंपरा में एक-दूसरे में एवं पीढ़ी से पीढ़ी में अंतरित होने से है। कैवल्य को अथवा जागृति को मानव परंपरा ही प्रमाणित करेगा। इसका परिभाषा और इसकी व्याप्ति समझ में न आते हुए भी सर्वोपरि शुभ स्थिति इंगित हो चुकी है। दूसरी विधि से मानव में स्वीकार्य हो चुकी है। जागृति का स्वरूप जीवन ज्ञान, सहअस्तित्व दर्शन ज्ञान ही है। जैसा जीवन है और अस्तित्व है उसे वैसा ही जानना, मानना, पहचानना और निर्वाह करना ही जागृति और जागृति का प्रमाण है। जीवन वस्तु को गठनपूर्ण परमाणु के रूप में स्वीकारते हुए, समझते हुए, जीवन वस्तु में ही अक्षय शक्ति, अक्षय बल का प्रवाह बना हुआ समझते हुए, स्वीकारते हुए जीवन सहज क्रियाकलापों के पाँच शक्ति और पाँच बलों को समझते हुए, स्वीकारते हुए, जीवन बल प्रवाह में प्रिय, हित, लाभ रूपी नजरिया एक दूसरे के लिए अपना-पराया होना समीक्षित होते हुए को सभी स्वीकारते हुए एक-दूसरे के लिए पूरकता को आवश्यक समझते हुए न्याय, धर्म, सत्य रूपी दृष्टियाँ एक दूसरे के साथ पूरक होते हुए सार्थकता का मार्ग प्रशस्त होता हुआ स्थिति और गतियों को समझते हुए उक्त नजरिये में सम्पूर्ण अस्तित्व को सहअस्तित्व रूप में साक्षात्कार करते हुए बोध और अनुभव करते हुए स्थितियों को विधिवत् समझते, सत्यापित करते हुए किया हुआ सम्पूर्ण आचरण अपने में मानवीयतापूर्ण आचरण होते हुए देखा गया है।
मानवीयता पूर्ण आचरण, मूल्य, चरित्र और नैतिकता का अविभाज्य रूप होना देखा गया है जिसको पहले स्पष्ट किया जा चुका है। हर परिवार मानव में मानवीयतापूर्ण आचरण ही समाज रचना और निर्वाह का सूत्र है। समाज रचना क्रम में ही परिवार रचना न्यूनतम आकार है। परिवार रचना के साथ ही व्यवस्था की आवश्यकता उद्भूत होना देखा गया है। व्यवस्था में जीना सर्वाधिक मानव का स्वीकृति है। व्यवस्था अपने में सहअस्तित्व सहज है, इस तथ्य को भी स्पष्ट किया जा चुका है, यह जागृति का पहला प्रमाण है। परिवार व्यवस्था में जीना सहज होने के उपरान्त ही समग्र व्यवस्था में भागीदारी संभव हो जाता है, समीचीन हो जाता है। जागृतिपूर्णता का यही प्रमाण होना देखा गया है। समग्र व्यवस्था में भागीदारी का प्रमाण सहित