7.4 (1) कार्य
विनिमय व्यवस्था उत्पादित वस्तु का सुरक्षा पूर्वक विनिमय पद्धति पर आधारित होगी। प्रत्येक व्यक्ति जो स्थानीय सीमावर्ती निवासी है व उत्पादित वस्तुओं का विनिमय करता है और आवश्यकीय वस्तुओं को प्राप्त करता है, वह इस कोष का खातेदार सदस्य होगा। प्रत्येक परिवार का खाता विनिमय कोष में होगा। प्रत्येक परिवार अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादित वस्तुओं को विनिमय कोष को विनिमय के लिए प्रस्तुत करेगा। वस्तु मूल्य श्रम मूल्य के आधार पर तय होगा (निकटस्थ बाजार में जाकर बेचने से जो दाम मिलेंगे उसमें परिवहन मूल्य घटा कर)। जब तक आस-पास स्वराज्य व्यवस्था स्थापित ना हो तब तक निकटस्थ बाजार भाव अघोषित रूप में रहेगा, इस आय-व्यय स्पष्टता का आलेख विनिमय कोष में रहेगा। इस मूल्य को सदस्य के खाते में उसी दिन जमा कर दिया जाएगा। इसी तरह कोष प्रत्येक सदस्य को वस्तुओं का विनिमय करेगा व उनके श्रम मूल्यानुसार, उनके खाते में उतना मूल्य घटा-बढ़ा दिया जायेगा।
कोष इसी तरह बाहर (शहर व अन्य बाजारों) से वस्तुओं को थोक भाव में खरीदेगा व अपने सदस्यों को उपरोक्त पद्धति से विनिमय करेगा। इसी तरह कोष में गाँव के सदस्यों द्वारा विनिमय के लिए प्रस्तुत वस्तुएँ, जो स्थानीय आवश्यकता से बच जायेगी, उन्हें शहर व अन्य बाजारों में बेचेगा व उनका मूल्य प्राप्त करेगा, और उन-उन के खाते में जमा करेगा। इस क्रय विक्रय से जो कुछ भी अनायास लाभ होगा, उसको गाँव की सामान्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए, गांव के विकास के लिए अर्पित किया जावेगा। यह कार्य ग्राम स्वराज्य सभा द्वारा संचालित किया जाएगा। कोष में प्रत्येक सदस्य की न्यूनतम वस्तु हमेशा जमा रहेगी ताकि कोष का कार्य सुचारू रूप से चलाया जा सके। जिसकी राशि नहीं होगी उसे कोष, ब्याज रहित ऋण देगा। जिसे वह सदस्य वस्तु का उत्पादन कर कालान्तर में कोष को लौटा देगा।
यह पद्धति हर ग्राम-मोहल्ला परिवार सभा में समान रूप से वर्तमान रहेगा।
7.4 (2) दायित्व
जिन सदस्यों ने न्यूनतम से अधिक राशि खाते में रखी है, उनकी सहमति से, विनिमय कार्य के लिए आवश्यकता पड़ने पर, विनिमय कोष, उस राशि का उपयोग करेगा व अन्य राष्ट्रीय कृत बैंक से जो ब्याज मिलता है वह उनको देगा। यह विधि तब तक रहेगी, जब तक बैंक विनिमय प्रणाली अलग-अलग रहेगी।
गाँव से सभी प्रकार की कर वसूली का दायित्व विनिमय कोष का होगा। कर निर्धारण का कार्य ग्राम सभा करेगी।