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  1. 3) जीवावस्था को वंशानुषंगीय परंपरा होने का सोच-विचार-निर्णय समाधान है।
  2. 4) ज्ञानावस्था में मानव को ज्ञाननुषंगीय, यथा समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी पूर्वक परंपरा होने का सोच-विचार-निर्णय समाधान है।
  3. 5) मानव परंपरा को सहअस्तित्व में मानवत्व में प्रमाणित होने वाले ईकाई के रूप में किया गया सोच-विचार-निर्णय समाधान है।
  4. 6) मानव परंपरा को दृष्टा पद में होने का सोच-विचार-निर्णय समाधान है।
  5. 7) मानव परंपरा अनुभवमूलक होने का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  6. 8) मानव सहअस्तित्व में अनुभव परंपरा होने का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  7. 9) मानव परंपरा सहअस्तित्व सहज जागृति में, से, के लिये विकास क्रम, विकास, जीवन, जीवन जागृति क्रम, जागृति सहज दृष्टा, ज्ञाता, कर्ता भोक्ता होने का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  8. 10) मानव संस्कृति-सभ्यता, विधि-व्यवस्था में संयुक्त वैभव परंपरा होने का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  9. 11) मानव अखण्ड समाज सूत्र के आधार पर अखण्ड राष्ट्र व्यवस्था का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  10. 12) अखण्ड समाज-राष्ट्र-व्यवस्था को दश सोपानीय परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।
  11. 13) जागृति पूर्वक ही मानव परंपरा होने का सोच-विचार-निश्चयन समाधान है।

10. समाधान

  1. 1) सहअस्तित्व में अनुभवमूलक विधि से जीना समाधान है।
  2. 2) अनुभव प्रमाणों को प्रमाणित करना समाधान है।
  3. 3) व्यवस्था में जीना समाधान है।
  4. 4) व्यवस्था में भागीदारी करना समाधान है।
  5. 5) जागृति को प्रमाणित करना समाधान है।
  6. 6) सहअस्तित्व में प्रमाणित होना, रहना, करना समाधान है।
  7. 7) मानवीय शिक्षा-संस्कार में भागीदारी करना समाधान है।
  8. 8) न्याय सुरक्षा में भागीदारी करना समाधान है।
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