- स्थिति
- स्थितिपूर्ण सत्ता में सम्पृक्त स्थितिशील प्रकृति।
- सहअस्तित्व नित्य वर्तमान।
- प्रमाण
- अनुभव व्यवहार प्रयोग
- अनुभव ही प्रमाण परम
प्रमाण ही समझ ज्ञान
समझ ही प्रत्यक्ष,
प्रत्यक्ष ही समाधान, कार्य-व्यवहार,
कार्य-व्यवहार ही प्रमाण,
प्रमाण ही जागृत परंपरा,
जागृत परंपरा ही सहअस्तित्व।
- यथार्थ
- ब्रह्म सत्य, जगत शाश्वत।
- ब्रह्म (सत्ता) व्यापक, जीवन पुंज अनेक।
- जीवन पुंज में अविभाज्य आत्मा, बुद्धि, चित्त, वृत्ति, मन।
जीवन और शरीर के संयुक्त रूप में मानव का वैभव।
- ईश्वर व्यापक, देवता अनेक।
- मानव जाति एक, कर्म अनेक।
- भूमि (अखण्ड राष्ट्र) एक, राज्य अनेक।
- मानव धर्म एक, समाधान अनेक।
- जीवन नित्य, जन्म-मृत्यु एक घटना।
- वास्तविकता
- सहअस्तित्व में विकास क्रम, विकास।
- जागृति क्रम, जागृति।