1.0×

प्रकृति सहज चार अवस्थाएं (परस्पर पूरक)

अवस्था

रूप

क्रिया

स्वभाव

धर्म

अनुषंगी
(प्रवृत्ति)

पदार्थावस्था

मिट्टी, पत्थर, मणि, धातु

रचना-विरचना

संगठन-विघटन

अस्तित्व

परिमाणानुषंगी प्रवृत्ति

प्राणावस्था

पेड़-पौधे, लता, गुल्म

श्वसन-प्रश्वसन

सारक-मारक

अस्तित्व सहित पुष्टि

बीजानुषंगी

जीवावस्था

पशु-पक्षी

वंश केंद्रित

क्रूर-अक्रूर

अस्तित्व, पुष्टि सहित जीने की आशा

वंशानुषंगी प्रवृत्ति

ज्ञानावस्था

मनुष्य

समझदारी केंद्रित आहार, विहार, कार्य-व्यवहार

धीरता, वीरता, उदारता, दया, कृपा, करुणा

अस्तित्व, पुष्टि, जीने की आशा सहित सुख

संस्करानुषंगी (समझदारी के अनुसार प्रवृत्ति)

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