1.0×

(21) नित्य-उत्सव

हर नर-नारी स्वयं में विश्वास, श्रेष्ठता का सम्मान करने में सहज होने का घोषणा

  1. 1. स्वयं में विश्वास होना समझदारी सहज क्रियाकलाप उत्सव
  2. 2. श्रेष्ठता का सम्मान करना - उत्सव
  3. 3. प्रतिभा सम्पन्नता - उत्सव
  4. 4. व्यक्तित्व सहज प्रमाण - उत्सव
  5. 5. व्यवहार में समाजिक होना - उत्सव
  6. 6. व्यवसाय (उत्पादन कार्य) में स्वावलम्बन सहज - उत्सव

अमानव के लिये मानव, मानव के लिए देवमानव, देवमानवत्व के लिए दिव्य मानव, दिव्यमानवत्व के लिए दश सोपानीय व्यवस्था तंत्र में भागीदारी क्रम में परम श्रेष्ठता की परंपरा व सम्मान व्यवस्था सहज व्यवस्था।

(22) शोध - नित्य उत्सव - अनुसंधान

  1. 1. व्यवहार व आचरण सुगमता के अर्थ में
  2. 2. मानवीय शिक्षा-संस्कार सुगम परंपरा के अर्थ में
  3. 3. न्याय-सुरक्षा में सुगमता के अर्थ में
  4. 4. उत्पादन-कार्य में सुगमता के अर्थ में
  5. 5. विनिमय कार्य में सुगमता के अर्थ में
  6. 6. स्वास्थ्य-संयम कार्य में सुगमता के अर्थ में लोक व्यापीकरण पूर्वक प्रयोजन प्रमाण नित्य उत्सव है।

(23) नित्य उत्सव - प्रदर्शन सार्थकता का घोषणा

  1. 1. मानव लक्ष्य को प्रखर रूप में प्रस्तुत करना
  2. 2. ज्ञान-विवेक-विज्ञान प्रवृत्ति को प्रखर रूप में प्रदर्शित करना
  3. 3. मानवीयतापूर्ण आचरण को प्रखर रूप में प्रदर्शित करना
  4. 4. संबंध, मूल्य, मूल्यांकन, उभय तृप्ति में प्रखरता तृप्ति का प्रदर्शन।
  5. 5. तन-मन-धन रूपी अर्थ का सदुपयोग सुरक्षा पूर्वक समृद्धि का निरंतरता सहज प्रदर्शन।
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