दूरगमन) संबंधी वस्तुओं के निर्माण से है। परिवार में भौतिक समृद्धि के लिए इससे अधिक की आवश्यकता नहीं है, इससे कम होने से भौतिक समृद्धि होना संभव नहीं है।

“विनिमय सुलभता” का तात्पर्य हर परिवार में से उत्पादित वस्तुओं को श्रम मूल्य के आधार पर दूसरे परिवारों के साथ लाभ-हानि मुक्त आदान-प्रदान से है ताकि हर परिवार को भौतिक समृद्धि का अनुभव हो सके। इस व्यवस्था में संपूर्ण विनिमय प्रत्येक परिवार द्वारा किए गए श्रम नियोजन को, अन्य परिवारों में श्रम मूल्य के आधार पर आदान-प्रदान करने से है। इसके अनुसार प्रथम चरण में ग्राम के विनिमय कोष द्वारा, प्रत्येक परिवार की आवश्यकता से अधिक उत्पादन को, बाह्य बाजारों में विक्रय कर, वहाँ से गाँव के लिए आवश्यक वस्तुओं को क्रय कर, ग्रामवासियों को उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसी व्यवस्था, क्रम से ग्राम समूह, क्षेत्र मंडल, मंडल समूह, मुख्य राज्य, प्रधान राज्य और विश्व राज्य तक जुड़ा रहेगा। यही विश्व शान्ति सर्वशुभ सहज सूत्र है।

ग्राम स्वराज्य सहज सुलभ होने के उपरान्त ही प्रत्येक मानव सहअस्तित्व समग्र व्यवस्था के साथ भागीदार होना और स्वयं मानवीयता, समाधान, समृद्धि, अभयता सहित पूर्ण व्यवस्था में व्यक्त होना सुलभ हो जाता है। यही जीवन जागृति का साक्ष्य है जो मानव परंपरा में चिरकाल से वांछा रही है। जीवन जागृति ही मानव में से सार्वभौम व्यवस्था सहज सार्थकता को प्रतिपादित प्रमाणित होना आवश्यक है क्योंकि प्रामाणिकता और समाधान ही मानव परंपरा में सार्वभौम अभिव्यक्ति है।

“जीवन जागृति ही स्वयं अभिव्यक्ति में प्रामाणिकता, सम्प्रेषणा में समाधान और प्रकाशन में स्वतंत्रता तथा स्वराज्य है। यही प्रत्येक व्यक्ति अपने में व्यवस्था और समग्र व्यवस्था में भागीदारी का प्रमाण है।” यही अखण्ड मानव समाज का सूत्र और स्वरुप है।

“अखण्ड सामाजिकता में पारंगत बनने और बनाने की क्रिया प्रबुद्धता। उसका आचरण, परिवार व्यवस्था में समाधान, समृद्धि सहज प्रमाण संप्रभुता और उसकी निरंतरता क्रम में संरक्षण व संवर्धन पूर्वक सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी करने व कराने का कार्य प्रभुसत्ता है।”

यही मानवीय आचार संहिता रूपी संविधान का सूत्र है। ग्राम स्वराज्य का अंतिम लक्ष्य अखण्ड सामाजिकता सहज निरंतरता है, जिससे समाज में प्रत्येक मानव को बौद्धिक समाधान व भौतिक समृद्धि, अभयता व सहअस्तित्व सार्वभौम रूप में अनुभव सुलभ हो सके।

“परिवार केन्द्रित ग्राम स्वराज्य का अनुभव करना व कराना, इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।” गाँव व मोहल्ला के प्रत्येक परिवार में प्रत्येक सदस्य मानवीयता पूर्ण आचरण करेगा। प्रत्येक मानव, मानव व नैसर्गिक संबंधों व उनमें निहित मूल्यों की पहचान व निर्वाह करेंगे व भौतिक समृद्धि को प्राप्त करेंगे

Page 147 of 212