4.6 (14) जीवन बल व शक्ति
जागृत जीवन में-
नाम | बल क्रिया | शक्ति क्रिया | नाम |
आत्मा में | सहअस्तित्व सहज अनुभव | प्रामाणिकता | ही प्रमाण |
बुद्धि में | अनुभव प्रमाण | प्रमाणित करना | ही ऋतंभरा |
चित्त में | चिंतन | चित्रण | ही शुभेच्छा |
वृत्ति में | तुलन | विश्लेषण | विचार |
मन में | मूल्यों का | चयन | आशा |
यही जीवन व यही जागृत परंपरा का प्रमाण है। | प्रत्यावर्तन में सुख शांति संतोष आनंद सहअस्तित्व में परावर्तन में समाधान समृद्धि अभय सहअस्तित्व प्रमाण | परावर्तन मानव परंपरा में ही अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा प्रकाशन विधि से प्रमाण | शरीर समृद्धि पूर्ण मेधस तंत्र ज्ञान वाही क्रिया वाही प्रमाण है। |
परावर्तन-प्रत्यावर्तन क्रम से परंपरा में प्रमाण, कार्य व्यवहार, फल-परिणाम, मूल्यांकन और नियम, नियंत्रण, संतुलन, न्याय, धर्म (समाधान), सत्य रूपी महिमाओं के अनुरूप अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा प्रकाशन निरंतरता सर्वमानव में समान स्वत्व है। यही परस्पर अर्पण-समर्पण विधि से स्वतंत्रता अधिकार है। मानव लक्ष्य प्रमाण सहित जीवन मूल्य जागृति सहज प्रमाण परंपरा है। अखण्डता व सार्वभौमता सहज परंपरा वैभव है।