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सहायता से सम्पन्न कर लेते हैं। यह क्रियाकलाप बैल से हल जोतने के समय तक सम्पन्न होता हुआ स्पष्ट है।

जब से ट्रैक्टर से जोत शुरु हुआ है तब से कृषि औजार प्रौद्योगिकीय विधि से तैयार होने लगा, तब उपकरणों के लिए बाजार का आश्रय लेना शुरू किया। यह शनै: शनै: महंगा होता जा रहा है। जिस अनुपात में प्रौद्योगिकीय उपकरणों का दाम बढ़ता जा रहा है उस अनुपात में कृषि उपज का दाम नहीं बढ़ पाया है।

सन् 2000 तक जो परिस्थितियाँ सुविधायें व गति के साथ अर्थात् जल्दी-ज्यादा के अर्थ में मानव प्रवृत्ति उलझने लगा। इसी के साथ पशुपालन विधि से ही रसायन-खाद एवं कीटनाशक दवाइयों से मुक्ति पाना आवश्यक है।

  1. 2. निपुणता, कुशलता, पांडित्य सम्पन्नता सहित श्रम नियोजन के फलन में सामान्य व महत्वाकाँक्षा संबंधी वस्तु व उपकरणों का उत्पादन होना स्पष्ट है। यह मानव की परिभाषा में, से, के लिये मनाकार को साकार करने के सौभाग्य का फलन है, जो सुविधा-संग्रह जैसी प्रवृत्ति रहने के साथ भी सुलभ हुआ है। मनस्वस्थता: सर्वतोमुखी समाधान सर्व सुलभ होने के रूप में मानवीय शिक्षा-संस्कार चेतना विकास मूल्य शिक्षा रूप में सार्वभौम है।

मानवीय शिक्षा का फलन ही मानवीय आचार संहिता रूपी संविधान-व्यवस्था व आचरण-मूल्यांकन परंपरा ही अखण्ड समाज सूत्र सहित व्याख्या में पारंगत होना पाण्डित्य है। यही मन:स्वस्थता का प्रमाण है। यही दृष्टा पद प्रतिष्ठा का वैभव व जागृति सहज प्रमाण रूप में सौभाग्य है।

उत्पादन के साथ विनिमय अनिवार्य है। आवश्यकता से अधिक उत्पादन विनिमय व्यवस्था का आधार है।

हर समझदार मानव अपने द्वारा किये गये व्यवहार, उत्पादन व सेवा का मूल्यांकन करे जिसमें परिवार जनों की सहमति होना आवश्यक है। यह परिवार व्यवस्था जिसमें हर नर-नारी मानवत्व सहित व्यवस्था सहज प्रमाण है।

द्वितीय स्थिति में एक परिवार समूह सभा (दस परिवारों में ) अपने में मूल्यांकन करेगा जिसमें दस परिवारों में परस्पर सहमति होना आवश्यक रहता है।

तीसरी स्थिति में सौ परिवार परस्परता में से किया गया उत्पादन व व्यवहार का मूल्यांकन होना स्वाभाविक रहेगा। इस स्थिति में सौ परिवार की परस्परता में सहमत होना आवश्यक है। हर परिवार

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