विश्व राज्य परिवार में - परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था विधि से श्रेष्ठता व उपयोगिता
का मूल्यांकन विधि रहेगा। विश्व परिवार सभा न्याय, शिक्षा,
स्वास्थ्य, उत्पादन विनिमय सुलभता में शोधपूर्वक मार्गदर्शन,
उत्पादन में गुणवत्ता का शोध, साथ में चारों अवस्था में संतुलन
सूत्र व्याख्या में पारंगत प्रमाण, मार्गदर्शन कार्य करेगा।
- 5. हर जागृत मानव परिवार में ग्राम-शिल्प, कृषि, पशुपालन, उत्पादों को उपयोगिता मूल्य के आधार पर निर्धारित करने का अधिकार रहेगा। ऐसा मूल्यांकन परिवार समूह व ग्राम-मोहल्ला परिवार सभा में समाहित सभी परिवार सहज उत्पादों का मूल्यांकन के साथ समन्वित रूप में स्वीकृत और सन्तुष्ट रहेगा।
हर परिवार जन सन्तुष्ट रहने का आधार हर नर-नारी का समझदारी व समाधानित रहना, हर नर-नारी का आवश्यकता से अधिक उत्पादन में भागीदारी करना, मूल्यांकन कार्य में सम्बद्ध रहना है।
हर परिवार जन न्यूनतम दस परिवार में (एक परिवार समूह में) किये गये मूल्यांकनों से विदित रहना, अधिकतम देश-धरती में वर्तमान परिवारों का उत्पाद मूल्यांकन से विदित रहने का अधिकार रहेगा।
हर परिवार समूह सभा में भागीदारी करता हुआ कम से कम दसों सदस्यों को दस परिवार समूह में किये गये उत्पादन व मूल्यांकन गतिविधियों से अवगत रहने का अधिकार रहेगा जिससे ग्राम-मोहल्ला में जितने भी परिवार रहते हैं उनमें देश-धरती के परिवारों को मूल्यांकन-तालमेल के अर्थ में सोचने के लिए प्रेरणा सुलभ रहेगा।
- 6. सार्वभौम व्यवस्था में जीने में हर जागृत मानव परिवार में, से, के लिए उत्पादित वस्तुओं की उपयोगिता के आधार पर मूल्यांकन करना स्वाभाविक रहेगा क्योंकि जागृति मानव श्रम व मूल्यों का सही मूल्यांकन करता ही है।
- - जागृत मानव ही औसत सामान्य मानव है।
- - जागृत मानव ही परिवार मानव है।
- - जागृत मानव ही अखण्ड समाज मानव है।
- - जागृत मानव ही सार्वभौम व्यवस्था सहज मानव है।