1.0×

शिष्टता

  1. 1. समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी, भागीदारी सहज प्रमाण होना।
  2. 2. दृष्टा पद प्रतिष्ठा का जागृति सहज प्रमाण होना।
  3. 3. मानवीयता पूर्ण आचरण सहज प्रमाण होना।

संस्कार

  1. 1. जीवन जागृति एवं विधि स्वीकृति होना।
  2. 2. सहअस्तित्व नियति सहज विधि स्वीकार होना।
  3. 3. अखण्ड समाज, सार्वभौम व्यवस्था रूप में सम्पूर्ण विधि स्वीकार होना, प्रमाणित होना।

व्यवस्था = उपयोगिता-पूरकता सहज मानवीयता पूर्ण आचरण वैभव को दश सोपानीय व्यवस्था में, से, के लिये प्रमाणित करने का कार्यक्रम में भागीदारी करना।

उद्देश्य = मानव लक्ष्य, जीवन मूल्य मानव परंपरा में प्रमाणित रहना, करना, कराना, करने के लिए सहमत होना।

6.5 (15) शिक्षा-संस्कार व्याख्या स्वरूप

शिक्षा में वस्तु = सहअस्तित्व सहज ज्ञान, विवेक, विज्ञान सहित कायिक, वाचिक, मानसिक व कृत, कारित, अनुमोदित प्रमाण।

शिक्षक और अभिभावक = सहअस्तित्व दर्शन बोध ज्ञान प्रमाण, जीवन ज्ञान बोध प्रमाण सम्पन्न होना, मानवीयता पूर्ण आचरण ज्ञान प्रमाण होना रहना।

विवेक = मानव लक्ष्य, जीवन मूल्य बोध अनुभव प्रमाण।

विज्ञान = मानव लक्ष्य में, से, के लिए सुनिश्चित दिशा, व्यवहार व कर्माभ्यास नियम बोध अनुभव प्रमाण परंपरा में, से, के लिए सहज सुलभ होना।

शिक्षा वस्तु सहज ज्ञान, विवेक, विज्ञान सहज विधि से सिद्धांतों का धारक-वाहक शिक्षक-अभिभावक होना रहना है।

शिक्षा = अभिभावक-शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों को अभ्युदय के अर्थ में सहमत सहित रूप में प्रमाणित रहना।

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