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6) जागृत मानव

  1. 1. मानव चेतना सहज मूल्य, चरित्र, नैतिकता।
  2. 2. त्व सहित मानवीयतापूर्ण आचरण समेत व्यवस्था, समग्र व्यवस्था में भागीदारी।
  3. 3. अतिव्यवाप्ति, अनाव्याप्ति, अव्याप्ति दोषों से मुक्ति।
  4. 4. क्रियापूर्णता अर्थात् सर्वतोमुखी समाधान परंपरा के रूप में वैभव और आचरणपूर्णता अर्थात् अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था सहज परंपरा में भागीदारी सहित वैभव।

7) जागृति

  1. 1. क्रियापूर्णता, आचरणपूर्णता (सजगता)।
  2. 2. भ्रम से मुक्ति।
  3. 3. भ्रममुक्त जीवन, जागृति परम सहज प्रकाशन।

8) दिशा

  1. 1. ह्रास-विकास।
  2. 2. परस्पर इकाईयों अथवा ध्रुवों के आधार पर दृष्ट होने वाले कोणों को दिया गया नामकरण स्थिति, गति।
  3. 3. जागृति की ओर गति (क्रियापूर्णता)।
  4. 4. गन्तव्य में गति (आचरण पूर्णता)।

9) देश

  1. 1. रचना सहज अवधि = विस्तार।
  2. 2. धरती स्वयं में सीमित रचना।

10) पूर्णता

  1. 1. परमाणु में गठनपूर्णता, जीवन में क्रियापूर्णता, आचरणपूर्णता = जीवन जागृति।
  2. 2. अमरत्व, विश्राम, गंतव्य = समाधान = विश्राम।

11) प्रभुसत्ता

  1. 1. प्रबुद्धतापूर्ण सत्ता।
  2. 2. समझदारी सहित व्यवस्था।
  3. 3. प्रबुद्धतापूर्ण शिक्षा-संस्कार, न्याय-सुरक्षा, आचरण-व्यवहार, उत्पादन, विनिमय, स्वास्थ्य-संयम व्यवस्था रूपी सत्ता (परंपरा)।
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