3. अस्तित्व, विकास, जीवन, जीवन जागृति, रासायनिक और भौतिक रचना-विचरना का दृष्टा एवं जागृति सहज प्रमाण।
23) मूल्य
1. मौलिकता (मानव में ही प्रगट होना आवश्यक)।
2. प्रत्येक इकाई में निहित मौलिकता। (मानव ही पहचानता है)।
3. जीवन मूल्य, मानव मूल्य, स्थापित मूल्य, शिष्ट मूल्य, वस्तु मूल्य (30 कुल मूल्य)। उपयोगिता एवं कला की सिद्ध मात्रा = उत्पादित वस्तु मूल्य, स्थापित संबंधों में निहित स्थापित मूल्य, जिसका अनुभव में, से, के लिए अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा से प्रकाशित होने वाला शिष्ट मूल्य।