धातु अणुओं को आवेशित करने के लिए प्रवाह को पहुँचाया जाता है यह विद्युत प्रवाह उस बैटरी कवच में स्थापित धातुओं पर प्रभाव डालता है । फलस्वरुप रसायन संयोग से धातुओं के अणु आवेशित होकर विद्युत ग्राही बन जाते हैं इसी को चार्ज कहते हैं । इस क्रम में विद्युत प्रभाव से उत्पन्न प्रभाव परिपूर्ण होने के फलस्वरुप उस बैटरी से प्रकाश आदि क्रिया में काम लेता हुआ, मानव यान-वाहनों में उपयोग करता हुआ देखने को मिलता है । इसमें से यंत्र संचारण के आरंभ में उसमें विद्युत प्रवाह को प्रयोजित करते हैं । यह सर्व विदित तथ्य है कि इन सब तथ्यों के साथ मानव की जो आज की स्थिति में जो क्षमता है उसके अनुसार ये सब विधियों से विद्युत प्रवाह की निष्पत्ति, उसका नियंत्रण और कार्य विधियों में पारंगत हो चुके हैं । इसलिए इन सभी मुद्दों पर जो तकनीकी विद्या है इसमें उपयोग, सदुपयोग, प्रयोजनशीलता तथा प्रकृति का अनानुपाती शोषण न हो इसके सुनिश्चित होने की आवश्यकता नहीं है ।
14. देश, दिशा, दूरी, विस्तार आयाम, कोण
हर मानव इन सभी मुद्दों को जाँचना चाहते हैं । ज्ञान के लिए, समझने के लिए । दूरी का क्या मतलब है? क्या प्रयोजन है? इस पर हर मानव का ध्यान जाता ही है ।
दूरी के मूल में मानव, मानव में समाहित आँख और आँख पर प्रतिबिम्बित विभिन्न वस्तुएं परस्परता के बीच स्थित हैं । यह मूलतः स्थिति की स्वरुप हुई । मानव की आँखों में विभिन्न वस्तुएं प्रतिबिम्बित रहती हैं । मानव की भाषा के अनुसार, कुछ चीजें पास में दिखती हैं । कुछ दूरी में दिखती हैं । इसी आधार पर दूर-दूर में सूरज, चाँद, तारे को देखते हैं । पास-पास में धरती, हवा, जल, पहाड़, पौधे, कीड़े-मकोड़े, पशु पक्षी, मानव को देखते हैं । इस प्रकार से मानव के आँखों पर वस्तुएं सदा-सदा प्रतिबिम्बित रहती ही हैं । हम देख पायें तभी भी रहते हैं, न देख पायें तब भी रहते हैं । इन्हीं तथ्य के आधार पर दूरी और माप की व्याख्या दूसरों को समझाना भी चाहते हैं । स्वयं समझना भी चाहते हैं । दूर में हो, पास में हो, हर इकाई व्यापक वस्तु में ही समायी रहती है । समाये रहते हुए भी पास और दूर हमको दिखाई पड़ते हैं । इस विधि से दूरी का मतलब यह हुआ, सत्ता में डूबी हुई स्थिति का हम अनुभव करते हैं । इस आधार पर दूरी को नापने का तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि हम एक दूसरे के बीच में व्यापक वस्तु को ही नाप के रुप में पाते हैं । यह दो विधि से सम्पन्न हो पाता है । जैसा दूर-दूर में सूरज, चाँद,