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अस्तित्व, विकास, जीवन, जीवन जागृति, रासायनिक-भौतिक रचना-विरचना के प्रति अनुभव प्रामाणिकता, नियति में, से, के लिए नित्य वर्तमान।

तीनों कालों में एक सा विद्यमान, भासमान, सुखप्रद, ऊर्जा सम्पन्न और जड़ चैतन्य प्रकृति में क्रिया श्रम, गति, परिणाम और अमरत्व, विश्राम, गन्तव्य, परंपरा में निर्भ्रमता अथवा जागृति पूर्ण परंपरा सहज वर्तमान।

36) संतुलन

  1. 1. स्वभाव गति प्रतिष्ठा।
  2. 2. स्वतृप्ति पूर्वक स्वभाव गति का प्रकाशन।
  3. 3. मानव परंपरा में स्वत्व स्वतंत्रता अधिकार का सदुपयोग, सुरक्षात्मक क्रिया।

37) संस्कृति

  1. 1. पूर्णता के अर्थ में किया गया कृतियाँ।
  2. 2. क्रियापूर्णता - आचरणपूर्णता सहज परंपरा।
  3. 3. मानवीयता पूर्ण आचरण परंपरा।

38) सभ्यता

  1. 1. समझदारी सहित व्यवस्था में अभ्यस्तता का प्रतिबद्ध होने का प्रस्तुति।
  2. 2. सहअस्तित्व जो सामाजिकता (समाधान) एवं समृद्धि का योगफल है।
  3. 3. मानवीयता पूर्ण आहार, विहार, व्यवहार।
  4. 4. अखण्ड समाज और सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी।
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