- 13.48 जागृति के मूल में सहअस्तित्व रूपी अस्तित्व ज्ञान, सहअस्तित्व में ही जीवन ज्ञान और मानवीयतापूर्ण आचरण ज्ञान सम्पन्नता है। यह मानवत्व है।
- 13.49 मानवत्व ही मानव परंपरा में, से, के लिए सर्वतोमुखी समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व सहज प्रमाण है।
- 13.50 मानवत्व मानव में ही प्रमाणित होता है।
- 13.51 मानवत्व ही जागृत मानसिकता रूप में प्रमाणित मूल्यांकित होता है।
- 13.52 हर जागृत मानव मूल्यांकन विधि से एक दूसरे को पहचानता और निर्वाह करता है। यह मानवत्व है।
- 13.53 हर मानव में, से, के लिए जागृति सहज प्रमाण व मूल्यांकनाधिकार सहित स्वत्व स्वतंत्रता ही मौलिकता है।
- 13.54 मानव में, से, के लिए प्रमाणित व मूल्यांकित करना कराना मौलिक है।
- 13.55 हर मानव में, से, के लिए जागृति सहज अधिकार मौलिक है।
- 13.56 अधिकार ही अनुभव, व्यवहार व प्रयोग प्रमाण है।
- 13.57 मानवीयता पूर्ण विधि से प्रमाणित होना अधिकार है।
- 13.58 मानव परंपरा में कल्पनाशीलता, कर्म स्वतंत्रता से मन:स्वस्थता सहज प्रमाण परंपरा तक अध्ययन कार्य है।
- 13.59 हर नर-नारी नियंत्रित रहना चाहते हैं।
- 13.60 जागृति सहज विधि से नियमपूर्वक हर नर-नारी नियंत्रित रहते हैं।
- 13.61 सामाजिक नियम ही स्वधन, स्वनारी, स्वपुरुष, दयापूर्ण कार्य व्यवहार है।
- 13.62 हर मानव संतुलित रहना चाहता है। न्यायपूर्वक मानव संतुलित रहता है।
- 13.63 समाधानपूर्वक अखण्ड समाज के अर्थ में मानवीयतापूर्ण आचरण प्रमाणित होता है।
- 13.64 मानवीयता ही अखण्ड समाज सूत्र है।
- 13.65 मानवत्व ही मानव परंपरा में शिक्षा-संस्कार, संविधान और सार्वभौम व्यवस्था सहज सूत्र है।
- 13.66 मानवत्व मानवीय गुण, स्वभाव, धर्म का संयुक्त अविभाज्य अभिव्यक्ति, संप्रेषणाा व प्रकाशन है।
Table of contents
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-8
संविधान व्यवस्था सूत्र व्याख्या
-7
प्रस्तावना
-6
प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्दों की परिभाषा
1
1. पूर्ववर्ती विचार परंपरा, संविधानों की मान्यता प्रक्रिया एवं समीक्षा
5
2. मानवीय संविधान परिचय
15
3. सहअस्तित्व सूत्र व्याख्या
20
4. संविधान, विधान, विधि, न्याय, आचरण सूत्र व्यवस्था व स्वराज्य स्वतंत्रता
33
5. जागृत मानव
43
6. मौलिक अधिकार
66
7. व्यवस्था
110
8. ग्राम/मोहल्ला व्यवस्था
130
9. कार्यक्रम सत्यापन घोषणा
146
10. स्वराज्य व्यवस्था
153
11. हर व्यक्ति में परीक्षण सूत्र
161
12. मानव चेतना सहज आचरण सूत्र