1.0×

चलता है कि अत्याधुनिक अध्ययन विधि में किसी वस्तु को विकृत बनाये बिना अध्ययन नहीं होता-यह माना जाता है।

इसके साथ ही एक प्रश्न हम और लगा सकते थे कि “यह शक्ति किसकी थी?” इसका परिशीलन करने पर हम यह पाते है कि मानव की कल्पनाशीलता और कर्म स्वतंत्रता रुपी शक्ति और बल इसमें लगा। इसके सहज संबंध को हम देख सकते हैं। मानव की कर्म स्वतंत्रता, कल्पनाशीलता वश ही पहचानने-निर्वाह करने का कार्य प्रत्येक मानव से संपादित होता है। कल्पनाशीलता, कर्म स्वतंत्रता के फलस्वरुप ही प्राकृतिक घटना विद्युत को पहचान लिया गया। इसे गति के रूप में देखा गया। इसके मूल में विद्युत का होना मान लिया गया या उसके पहले की घटनाओं से चुम्बकीय तत्वों को पहचान चुके थे। फलस्वरुप चुम्बकीय क्रियाकलापों में मानव में अध्ययन परंपरा बनी। इस अध्ययन परंपरा में मानव की कल्पनाशीलता, कर्म स्वतंत्रता को प्रयोग करने से ही यह चुम्बकीय विद्युत घटनाक्रम समझ में आता हैं। इस संबध को जोड़े बिना ही आज अध्ययन संपन्न कराते हैं। सच यही है कि मानव की कल्पनाशीलता, कर्म स्वतंत्रता के संयोग से ही घटनाओं को पहचाना जा सकता है और घटनाओं को घटित किया जा सकता है। इसी क्रम में चुम्बकीय विद्युत घटना को मानव ने पहचाना है और उसको घटित किया है। इस प्रकार आज भी यह प्रमाणित है, पहले भी था और सभी दिन ऐसे ही रहेगा।

वैज्ञानिक इतिहास के अनुसार भी इस बात को स्वीकारा गया है कि किसी निश्चित व्यक्ति, किसी घटना को उसके लिए समुचित उपक्रम (क्रिया प्रक्रिया) सहित घटना की रुपरेखा को विधिवत् अध्ययन गम्य कराया जाता है। इसके बावजूद इस बात को भुलावा देते है कि मानव की ही कल्पनाशीलता, कर्म स्वतंत्रता की यह देन है, वैभव है। इसके कारण में जाने पर पता लगता है कि पहली बार किसी घटना को घटित करने के लिए जो आदमी कारक और प्रेरक हुआ, उसके लिए दूसरे नहीं हो सकते थे। दूसरा, मानव सहज वैभव के अनुसार कोई भी घटना पहचानने में आई और घटना को मानव ने घटित कराया। मानव ने संपूर्ण उपक्रमों को अध्ययनगम्य करा दिया। उस ज्ञान का व्यापार करने के लिए तैयार हो गया। इन्हीं दो कारणों से ऊपर बताई परंपरा, किस तरह गुमराह हो इस तरीके को खोज लिया मानव ने। इस तरीके से आज तकनीकी विज्ञान का व्यापार प्रचलित हुआ। इससे मानव परंपरा क्षतिग्रस्त हुई। इस प्रकार देख सकते हैं कि:-

1. यदि एक मनुष्य अनुसंधानित वस्तु को अध्ययन कर मूल व्यक्ति के सदृश्य नहीं हो सकता है, तो यह स्वयं के प्रति विश्वासघात का आधार हुआ।

Page 77 of 217
73 74 75 76 77 78 79 80 81