1.0×
  1. 3) गुरू - शिष्य
  2. 4) भाई - बहिन
  3. 5) मित्र - मित्र
  4. 6) पति - पत्नी
  5. 7) स्वामी - सेवक (साथी-सहयोगी)

उपरोक्त संबंधों में निहित मूल्य निम्न है :-

स्थापित मूल्य

शिष्ट मूल्य

विश्वास

सौजन्यता

स्नेह

निष्ठा

कृतज्ञता

सौम्यता

गौरव

सरलता

ममता

उदारता

वात्सल्य

सहजता

सम्मान

सौहार्द्रता (स्पष्टता)

श्रद्धा

पूज्यता

प्रेम

अनन्यता

मानव संबंधों में साम्य मूल्य विश्वास तथा पूर्ण मूल्य प्रेम है। बिना विश्वास के कोई भी संबंध का निर्वाह संभव नहीं है। संबंधों में विश्वास का निर्वाह न कर पाना ही अन्याय है, जिसका सुधार भावी है।

मानव के नैसर्गिक संबंध तीन प्रकार से गण्य है :-

  1. 1) पदार्थावस्था के साथ संबंध
  2. 2) प्राणावस्था (अन्न, वनस्पति) के साथ संबंध
  3. 3) जीवावस्था (पशु-पक्षी आदि मानवेतर जीवों) के साथ संबंध

उपरोक्त संबंधों में उपयोगिता मूल्य दो प्रकार से गण्य है :-

  1. 1) परस्पर पूरकता, उदात्तीकरण के रूप में रचना-विरचना क्रम में उपयोगिता व कला मूल्य।
  2. 2) परमाणु में विकास क्रम में उपयोगिता-पूरकता सहज प्रमाण।
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