- 3) गुरू - शिष्य
- 4) भाई - बहिन
- 5) मित्र - मित्र
- 6) पति - पत्नी
- 7) स्वामी - सेवक (साथी-सहयोगी)
उपरोक्त संबंधों में निहित मूल्य निम्न है :-
स्थापित मूल्य | शिष्ट मूल्य |
विश्वास | सौजन्यता |
स्नेह | निष्ठा |
कृतज्ञता | सौम्यता |
गौरव | सरलता |
ममता | उदारता |
वात्सल्य | सहजता |
सम्मान | सौहार्द्रता (स्पष्टता) |
श्रद्धा | पूज्यता |
प्रेम | अनन्यता |
मानव संबंधों में साम्य मूल्य विश्वास तथा पूर्ण मूल्य प्रेम है। बिना विश्वास के कोई भी संबंध का निर्वाह संभव नहीं है। संबंधों में विश्वास का निर्वाह न कर पाना ही अन्याय है, जिसका सुधार भावी है।
मानव के नैसर्गिक संबंध तीन प्रकार से गण्य है :-
- 1) पदार्थावस्था के साथ संबंध
- 2) प्राणावस्था (अन्न, वनस्पति) के साथ संबंध
- 3) जीवावस्था (पशु-पक्षी आदि मानवेतर जीवों) के साथ संबंध
उपरोक्त संबंधों में उपयोगिता मूल्य दो प्रकार से गण्य है :-
- 1) परस्पर पूरकता, उदात्तीकरण के रूप में रचना-विरचना क्रम में उपयोगिता व कला मूल्य।
- 2) परमाणु में विकास क्रम में उपयोगिता-पूरकता सहज प्रमाण।