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इन सभी कार्य व्यवहार के आधार पर क्षेत्र सभा का वैभव अति शोभा सम्पन्न, गरिमा सम्पन्न, प्रयोजन सम्पन्न विधि से होना पाया जायेगा।

छठवाँ सोपान मंडल परिवार सभा का गठन दस क्षेत्र सभाओं से निर्वाचित दस सदस्यों के संयुक्त रूप में प्रभावित होगा। इसमें भी यथावत पाँच कड़ियों के रूप में सम्पूर्ण कार्य सम्पादित होंगे। शिक्षा-संस्कार कार्य स्नातक व स्नातकोत्तर रूप में प्रभावित रहेगी। स्नातकोत्तर शिक्षा-संस्कार में जीवन ज्ञान सहअस्तित्व दर्शन में पारंगत बनाने की व्यवस्था रहेगी। इसी के साथ साथ अखंड समाज सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी का सम्पूर्ण तकनीकी विज्ञान विवेक कर्माभ्यास सम्पन्न कराना बना रहता है। ऐसी संस्था में कार्यरत सारे अध्यापक संस्कार कार्यों के लिए जहाँ-जहाँ जरूरत पड़े वहाँ-वहाँ पहुँचेंगे और कार्य सम्पन्न कराने के दायी रहेंगे। उत्सव सभा मूल्याँकन प्रक्रिया सब ग्राम सभा सम्पन्न करेगी।

दूसरी कड़ी में न्याय-सुरक्षा अपने में एक वैभवशाली कार्यक्रम होना स्वाभाविक रहेगा। पीछे की पांचों कड़ियों में कोई समस्या शेष रहने की स्थिति में इस सोपान के निष्णात व्यक्ति उसे समाधान करने के दायी रहेंगे। न्याय-सुरक्षा एक बहुमूल्य कार्यक्रम है यही विश्वास का, अभयता का प्रधान कार्यक्रम है। पूरे मंडल का न्याय-सुरक्षा विधा में जागृत रहना मंडल सभा का अति प्रमुख कार्य रहेगा। मंडल परिवार सभा की जितनी भी समितियाँ होती है सभी सोपानीय सभाओं का न्याय सुरक्षा विधा का पूर्ण चित्रण, समीक्षा, मूल्याँकन कार्य सम्पादित होगा साथ में प्रस्ताव भी रहेगा। हर सीढ़ी के बाद दूसरी सीढ़ी के लिए आगे सीढ़ी से पीछे सीढ़ी के लिए, न्याय-सुरक्षा का प्रस्ताव बना रहना यह मानव अधिकार है। इसके आधार पर ही व्यवहारान्वय और मूल्याँकन होना स्वाभाविक है। न्याय-सुरक्षा सहअस्तित्ववादी विधि से सम्पन्न होना पाया जाता है। इसके लिए दूसरी कोई विधि भी नहीं है। मानवत्व अथवा मानवीयता सहअस्तित्ववादी विधि से प्रमाणित हो पाती है।

इसकी तीसरी कड़ी उत्पादन कार्य रहेगी। यह बड़े-बड़े उद्योगों के संबंध में सोच विचार करेगी। लघु उद्योग, ग्राम उद्योग, कुटीर उद्योग ग्राम शिल्प के मूल द्रव्यों को तैयार करने के संबंध में रहेगी। दूरश्रवण, दूरदर्शन, दूरगमन, के यंत्र उपकरणों को निर्मित करने के भी साधारण प्रयास रहेगी।

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