उचित प्रणालियों को अपनाना दूर ही है इसलिए जनवाद में व्यवस्था रूपी व्यवहार चर्चा को पहल करना परम आवश्यक है ही।
अतएव “व्यवहारात्मक जनवाद क्यों” इस मुद्दे पर प्रकाश डाला गया है। इन विधाओं में इंगित दिशाओं की ओर ध्यानाकर्षण करना हमारा उद्देश्य है, समझना सफल बनाना आपका अनुग्रह है।
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