1.0×

शरीर पोषण, संरक्षण और समाज गति के पक्ष में वस्तुओं की आवश्यकता निर्धारित होना पाया जाता है।

ऐसे निश्चयन के आधार पर आवश्यकता से अधिक उत्पादन प्रवृत्ति का होना तदनुसार फल परिणाम होना पाया जाता है। इस विधि से अर्थात् जागृतिपूर्ण परम्परा विधि से हर मानव परिवार समाधान समृद्धि को अनुभव करना सहज है। इसकी अपेक्षा सुदूर विगत से ही मानवाकांक्षा के रूप में विद्यमान है ही और विद्यमान रहेगा ही। इस मुद्दे पर परामर्श संवाद हर मानव परिवार में और योग संयोग होने वाले छोटे बड़े समाजों में चर्चित होना निष्कर्षों का पाना मानव का ही कर्तव्य है। चर्चा की प्रवृत्ति मानव में निहित है ही। सारे मानव अपने में स्वस्थ सुन्दर समाधान समृद्धि का धारक वाहक होना चाहता ही है। समाधान सम्पन्न मानसिकता और रोग मुक्त शरीर होना और उसे बनाये रखना ही मानव में स्वस्थता का तात्पर्य है। इसमें शरीर में निरोगिता को स्वास्थ्य कहा जाता है। ऐसे निरोगिता की पहचान सप्त धातुओं के संतुलन में होना पाया जाता है।

स्वस्थता को जीवन अपनी जागृति को प्रमाणित करने योग्य शरीर के रूप में पहचानने है। जागृति ही मन: स्वस्थता है। मन: स्वस्थ मानव स्वस्थ शरीर के माध्यम से प्रमाणित होना, स्पष्ट होना, प्रयोजनशील होना पाया जाता है। प्रयोजनशील होने का तात्पर्य परम्परा के रूप में प्रमाणित होने से है। प्रमाणित होने का मतलब है समझा हुआ को समझाने से, सीखा हुआ को सिखाने से, किया हुआ को कराने से। जागृति अपने आप से लोकव्यापीकरण होना पाया जाता है। इसकी आवश्यकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। समझदारी अपने आप में सहअस्तित्व रूपी अस्तित्व को समझना ही है। प्रमाणित होना ही है।

दृष्टा पद प्रतिष्ठा के रूप में जीवन में, से, के लिए जीवन ज्ञान सम्पन्न होना ही है। सहअस्तित्व दर्शन ज्ञान का मतलब यही है। इसी के क्रियान्वयन विधि से अखंडता, सार्वभौमता का अनुभव होना समाधान है और समाधान का अनुभव होता है, यही सुख है, यही मानव धर्म है। मानव धर्म विधि से जीता हुआ परिवार से विश्व परिवार तक जीवनाकांक्षा मानवाकांक्षा सहज रूप में ही सबके लिए सुलभ रहती है। इसी आशा में मानवकुल प्रतीक्षारत है तथा इसे सफल बनाना मानव का ही कर्तव्य दायित्व है। इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने के लिए लक्ष्य सम्मत परिवार जनचर्चा हर मानव परिवारों में, समुदायों में, सभाओं में आवश्यक है। चर्चा अपने में लक्ष्य के लिए आवश्यकीय प्रक्रिया, प्रणाली और नीतिगत स्पष्टता के लिए होना सार्थक है। प्रक्रिया का

Page 70 of 141
66 67 68 69 70 71 72 73 74