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  • अक्षमता :- इच्छानुसार बौद्धिक एवं कार्य-व्यवहार क्रिया का संपादन न कर पाना ही अक्षमता है । अक्षमता का कारण अजागृति और रोग है ।
  • हीनता :- विश्वासघात ही हीनता है ।
  • विश्वासघात :- जिससे जिस क्रिया की अपेक्षा है, उसके विपरीत आचरण किया जाना ही विश्वासघात है ।
  • छल :- विश्वासघात के अनन्तर भी उसका भास या प्रकट न हो ऐसे विश्वासघात की छल संज्ञा है ।
  • कपट :- विश्वासघात के अनन्तर उसके प्रकट या स्पष्ट हो जाने की स्थिति में विश्वासघात की कपट संज्ञा है ।
  • दम्भ :- आश्वासन देने के पश्चात् भी किए गये विश्वासघात की दम्भ संज्ञा है ।
  • पाखण्ड :- दिखावा पूर्वक किए गए विश्वासघात की पाखण्ड संज्ञा है ।
  • क्रूरता :- स्व-अस्तित्व को बनाए रखने के लिए बलपूर्वक दूसरे के अस्तित्व को मिटाने में जो वैचारिक प्रयुक्ति तथा शोषण कार्य है, उसे क्रूरता कहते हैं ।
  • # अपराध एवं प्रतिकार क्रूरता के दो भेद हैं ।
  • # अपराध :- परधन, परनारी/परपुरुष, परपीड़ात्मक कार्य व्यवहार ही अपराध है ।
  • # अपराधात्मक क्रूरता हिंसा के रूप में व्यक्त तथा प्रतिकारात्मक क्रूरता प्रतिहिंसा के रूप में व्यक्त है ।
  • मानवीय स्वभाव, विषय एवम् दृष्टि को संरक्षण, संवर्धन एवम् प्रोत्साहन देने वाली व्यवस्था मानवीय व्यवस्था है ।
  • मानवीय स्वभाव :- धीरता, वीरता और उदारता ही मानवीय स्वभाव है ।
  • मानवीय विषय :- पुत्रेषणा, वित्तेषणा एवं लोकेषणा मानवीय विषय है ।
  • मानवीय दृष्टि :- न्यायान्याय, धर्माधर्म एवं सत्यासत्य मानवीय दृष्टि है ।
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